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नए साल का जश्न हम क्यों मनाते हैं ? आइये जाने..

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नव वर्ष विभिन्न संस्कृतियों के मानने वालों और विभिन्न देशों के नागरिकों द्वारा भिन्न भिन्न दिनों में पूरे जोश, हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है  ।  अधिकांशत :  पूरे विश्व में 1 जनवरी को नववर्ष के तौर पर मनाया जाता है, क्योंकि आधुनिक कैलेंडर का पहला दिन 1 जनवरी है  ।  नववर्ष के स्वागत हेतु 31 दिसंबर की रात्रि को 12:00 बजे खुशियों के साथ लोग उत्सव मनाते हैं और एक दूसरे को बधाइयां देते हैं  । सार्वजनिक रूप से भारत में भी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नव वर्ष उत्सव 1 जनवरी को मनाया जाता है  ।  हमारा भारत विभिन्न संस्कृतियों धर्मों और मतों को मानने वालों का संगम है  ।  इसलिए सभी संस्कृति और धर्म के लोग नए वर्ष की शुरुआत का उत्सव पृथक रूप से भी मनाते हैं  ।  हर धर्म के लोग अपने धर्मों के कैलेंडर अनुसार भी नव वर्ष का उत्सव मनाते हैं  ।  हर धर्म के अपने पृथक कैलेंडर है  ।  लोग आतिशबाजियां करते हैं, बधाइयां देते हैं, खुशियां मनाते हैं साथ ही विभिन्न प्रकार के सांस्...

क्रिसमस क्या है ? और क्यों मनाते है ?

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वैश्वीकरण होने से विश्व के समस्त देशों को ना केवल आर्थिक रुप से लाभ हुआ है, बल्कि सभी देशों के लोगों के बीच सामाजिक सौहार्द, प्रेम और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा मिला है  ।  इसका एक बहुत ही अच्छा उदाहरण है यहां पर प्रस्तुत है  ।  कुछ त्यौहार जिन्हें पहले किसी धर्म के लोगों के अनुयायियों द्वारा या किसी एक देश में मनाए जाते थे  ।  वैश्वीकरण के पश्चात, वह पूरे विश्व में प्रत्येक देश के निवासियों द्वारा मनाए जाने लगे हैं  ।  इसी कारण से सभी त्योहारों ने सार्वभौमिक उत्सव का रुप ले लिया है  ।  क्रिसमस भी इसी प्रकार का त्योहार है  ।  वैसे तो ईसाइयों के सबसे महत्वपूर्ण उत्सव के रूप में माना जाता है  ।  लेकिन वैश्वीकरण के पश्चात, अब पूरे विश्व में सभी देशों में तथा अन्य धर्मों के अनुयायियों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाते हुए देखते हैं  । क्रिसमस क्या  है ? क्रिसमस शब्द क्राइस्ट मास अथवा क्राइस्ट माइसे शब्द से उद्घृत हुआ है  ।  जीसस क्राइस्ट का अर्थ है जीसस क्राइस्ट का जन...

Ambassador - The King of Indian Road

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इंडियन कार कही जाने वाली एंबेसडर आखिरकार बिक गई है. फ्रांस की ऑटो कंपनी प्यूजो ने इसे महज 80 करोड़ रुपये में खरीद लिया है. जो कभी भारतीयों का स्‍टेटस सिंबल होती थी, जानिए उस गाड़ी के बारे में खास बातें...  सिर्फ 80 करोड़ रुपये में बिक गया एंबेसडर कार का ब्रांड ! हिंदुस्‍तान एंबेसडर को हिुंदुस्‍तान मोटर्स ने बनाना आरंभ किया.  इसका निर्माण 1958 से 2014 तक किया गया. कहा जाता है कि ये गाड़ी ब्रिटेन के मोरिस ऑक्‍सफोर्ड सिरीज 3 कार के मॉडल से प्रेरणा लेकर तैयार की गई थी. एंबेसडर पहली ऐसी कार थी जिसका निर्माण भारत में किया गया. इसे तब भारत में स्‍टेटस सिंबल माना जाता था. 1980 के मध्‍य में मारुति सुजुकी के भारत आने के बाद भारतीय बाजार में इसका वर्चस्‍व कम हुआ. मारुति ने मारुति 800 गाड़ी एंबेसडर से कम कीमत पर बाजार में उतारी थी. इसके बाद से निरतंर इसकी लोकप्रियता में कमी आई. कई विदेशी कार निर्माता कंपनियां भी भारत आ चुकी थीं. इसके बाद भी एंबेसडर भारतीय राजनीतिज्ञों, राजदूतों का वाहन बनी रही. सफेद एंबेसडर पर लाल बत्‍ती वाली गाड़ी ही यूज की जात...

राष्ट्रीय वृक्ष

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राष्ट्रीय खेल

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राष्ट्रीय फल

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राष्ट्रीय फूल

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